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संत दयालपुरी जी महाराज का आह्वान: गौ रक्षा से ही सनातन संस्कृति और मानवता की रक्षा संभव

संत दयालपुरी जी महाराज: गौ रक्षा के प्रणेता,गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का अभियान"

उज्जैन। परम गोभक्त और गौ गर्जना यात्रा के संयोजक, संत दयालपुरी जी महाराज, दो दिवसीय प्रवास पर उज्जैन पहुंचे। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य समाज में गौ माता की महत्ता को जागरूक करना और सनातन धर्म की पुनः स्थापना का संदेश देना था। उज्जैन में उन्होंने अपने संदेश के माध्यम से गौ माता की रक्षा और उनके संरक्षण पर जोर दिया।

दयालपुरी महाराज ने बताया कि गौ गर्जना यात्रा की शुरुआत 2009 में महाकाल नगरी उज्जैन से हुई थी। यह यात्रा अब तक 10,000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा पूरी कर चुकी है। इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने लाखों लोगों को गौ रक्षा का संकल्प दिलवाया है।

 

गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित करने का आह्वान

महाराज ने कहा, “गौ माता केवल सनातन धर्म का नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के जीवन का आधार है। हमारी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि भारत में रोजाना हजारों गायों को बेरहमी से काटा जाता है। इस विनाश को रोकने के लिए शासन और समाज को एकजुट होना होगा। गौ माता को बचाने के लिए केवल नारे लगाना पर्याप्त नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे।”

 

दयालपुरी महाराज ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि गौ गर्जना यात्रा के प्रभावस्वरूप 2011 में गुजरात में चल रहे सैकड़ों अवैध कत्लखानों को बंद किया गया। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा के बिना देश, धर्म, और मानवता की रक्षा संभव नहीं है।

गौ गर्जना यात्रा: एक ऐतिहासिक पहल

गौ गर्जना यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत में गौ माता को राष्ट्रीय माता घोषित करना और गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है। महाराज ने कहा कि यह यात्रा केवल जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। राजस्थान और भारत के अन्य राज्यों से गुजरते हुए, इस यात्रा ने समाज में गहरी छाप छोड़ी है।

उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान उन्होंने समाज के सभी वर्गों को गौ सेवा और संरक्षण के महत्व से जोड़ा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा, “जब समाज का प्रत्येक परिवार गाय का महत्व समझेगा और उसके संरक्षण का संकल्प लेगा, तभी इस आंदोलन का वास्तविक उद्देश्य सफल होगा।”

उज्जैन प्रवास की विशेषताएं

उज्जैन में अपने प्रवास के दौरान महाराज ने गौ माता की सुरक्षा, सनातन धर्म की पुनः स्थापना, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि समाज के हर व्यक्ति का गौ रक्षा में योगदान अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान जैसे ऐतिहासिक धरती से प्रेरणा लेते हुए, प्रत्येक व्यक्ति को गौ माता के लिए सुदृढ़ कदम उठाने चाहिए।

समाज से अनुरोध

दयालपुरी महाराज ने अंत में सभी से आग्रह किया कि वे इस पवित्र अभियान में तन, मन, धन से सहयोग करें। उन्होंने कहा, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम सनातन धर्म और गौ माता की रक्षा करें। इससे हमारा देश फिर से विश्व गुरु के पद पर आसीन हो सकेगा।

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