एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देशन में उज्जैन पुलिस ने नकली पुलिसकर्मी को पकड़ा, पुलिस वर्दी और फर्जी आईडी कार्ड के जरिए 14 लोगों से 34 लाख की ठगी।
एसपी प्रदीप शर्मा की अपील – सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध को तुरंत रिपोर्ट करें

उज्जैन, पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्री प्रदीप शर्मा के निर्देशन में उज्जैन पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों से लाखो रुपये की ठगी करता था। आरोपी विशाल उर्फ लखन पिता अजय ने फर्जी आईडी कार्ड और पुलिस वर्दी का इस्तेमाल कर कई भोले-भाले लोगों को झांसे में लिया।
घटना का विवरण
थाना राघवी में नागझीरी और ढांचा भवन उज्जैन के निवासियों ने शिकायत दर्ज कराई कि विशाल नामक व्यक्ति ने खुद को शाजापुर पुलिस का रक्षक बताकर शिवांगी परिसर में प्लॉट और दुकान दिलाने के नाम पर उनसे 13.55 लाख रुपये ठगे। आरोपी ने फर्जी तरीके से जिला शाजापुर पुलिस का आईडी कार्ड बनवाया और अपनी पहचान पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत की। इसके बाद उसने कई लोगों को झूठे वादों के जाल में फंसाया।
आरोपी की गिरफ्तारी
एसपी के निर्देश पर राघवी थाना प्रभारी ने एक विशेष टीम गठित की। आरोपी के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देने के बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नंबर 6 के बाहर नीलगंगा रोड से उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान आरोपी के पास से नकली पुलिस आईडी कार्ड, आधार कार्ड, बैंक एटीएम कार्ड, ₹25,000 नगद और मोबाइल बरामद हुए।
एसपी का बयान
पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार वर्मा ने कहा, “यह कार्रवाई उज्जैन पुलिस की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा उद्देश्य जनता को सुरक्षा प्रदान करना और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करना है।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
धोखाधड़ी का तरीका
विशाल उर्फ लखन ने खुद को शाजापुर पुलिस का रक्षक बताने के लिए फर्जी पुलिस आईडी कार्ड और वर्दी का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया पर पुलिस की वर्दी में अपनी तस्वीरें पोस्ट कर वह खुद को प्रभावशाली अधिकारी के रूप में प्रचारित करता था। उसने लोगों को प्राधिकरण के सीईओ से अपनी करीबी का झांसा देकर बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्लॉट और दुकान दिलाने का लालच दिया।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी राघवी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह और उनकी टीम – प्र.आर. राजेंद्र सिंह, आरक्षक रविंद्र सिंह, अरविंद यादव, जितेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, और घनश्याम सिंह ने बेहतरीन काम किया। उनकी सतर्कता और मेहनत से यह गिरफ्तारी संभव हो सकी।